भारत में चल रहे Bharat बनाम India विवाद के बीच, कुरियर सेवा दिग्गज Blue Dart ने अपनी Dart Plus सेवा को 'भारत डार्ट' के रूप में rebranded किया है। इस कदम ने कई लोगों को आश्चर्यचकित किया, और यह एक राजनीतिक या रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
ब्लू डार्ट ने कहा कि rebranding व्यापक अनुसंधान और खोज प्रक्रिया के बाद किया गया था। कंपनी के सीईओ पाब्लो सिआनो ने कहा, "जैसे ही भारत 2047 में अपनी शताब्दी वर्षगांठ की ओर बढ़ रहा है, ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स पर ध्यान केंद्रित हो गया है। हमारा DHL समूह रणनीति 2025 ने E-commerce को एक Mega trend के रूप में पहचाना है, और हम अपने उद्देश्य "लोगों को जोड़ना, जीवन को बेहतर बनाना" के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
ब्लू डार्ट के इस कदम के निम्नलिखित संभावित प्रभाव हो सकते हैं:
- अन्य भारतीय कंपनियां भी भारत के नाम का उपयोग करने का विकल्प चुन सकती हैं।
- भारत सरकार भारत के नाम को बढ़ावा देने के लिए अपने प्रयासों को और तेज कर सकती है।
- भारत बनाम इंडिया विवाद और अधिक विभाजनकारी हो सकता है।
ब्लू डार्ट के प्रबंध निदेशक बाल्फर मैनुअल ने कहा, "भारत के हालिया जी20 अध्यक्षता के दौरान, एक बड़े परिवार के रूप में विकास, दक्षता और लचीलेपन को समेटने की आवश्यकता सामने आई।"
कुछ लोग ब्लू डार्ट के इस कदम को एक राजनीतिक कदम के रूप में देखते हैं। उनका तर्क है कि कंपनी ने भारत सरकार के दबाव के कारण यह कदम उठाया है। भारत सरकार ने हाल ही में भारत के नाम को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें राष्ट्रपति द्वारा G20 शिखर सम्मेलन के निमंत्रण पत्र में "भारत" के बजाय "भारत" का उपयोग करना शामिल है।
दूसरे लोग ब्लू डार्ट के इस कदम को एक रणनीतिक कदम के रूप में देखते हैं। उनका तर्क है कि कंपनी ने भारत के विशाल बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया है। भारत में, कई लोग भारत को देश का अधिक आधुनिक और सार्थक नाम मानते हैं। ब्लू डार्ट का मानना है कि Bharat के नाम का उपयोग करने से कंपनी को भारतीय ग्राहकों के साथ अधिक जुड़ाव महसूस करने में मदद मिलेगी।
तो, ब्लू डार्ट का 'Bharat Dart' नामकरण क्या है? रणनीतिक कदम या राजनीतिक कदम? इसका जवाब शायद स्पष्ट नहीं है। लेकिन यह निश्चित रूप से एक ऐसा कदम है जिसने भारत में भारत बनाम इंडिया विवाद को फिर से हवा दी है।